प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित

राज की बातें/जयन्त पोरवाल:

जीवित बच्चे को जन्म देने वाली प्रत्येक माँ तक पहुंचाएं योजना का लाभ - जिला कलक्टर

झालावाड़। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का जिला स्तरीय कार्यक्रम मंगलवार को जिला कलक्टर हरि मोहन मीना की अध्यक्षता में जिला परिषद् के सभागार में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित किया गया।

जिला कलक्टर ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पूरक पोषाहार, शालापूर्व शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण शिक्षा, टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच और संदर्भ सेवाएं गर्भवती महिलाओं, धात्री महिलाओं, 6 माह से 6 साल तक के बच्चों तथा किशोरी बालिकाओं को उपलब्ध कराई जाती हैं। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से कहा कि मातृ वंदना योजना का लाभ पोषण के लिए जीवित बच्चे को जन्म देने वाली हर माँ तक पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास करें।

उन्होंने 18 वर्ष से अधिक आयु के प्रत्येक व्यक्ति को कोविड-19 के टीके की प्रथम व द्वितीय डोज लगवाने में चिकित्सा विभाग का सहयोग करने के लिए आह्वान किया। उन्होंने विशेष रूप से कोविड-19 टीके की प्रथम डोज लगवा चुके व्यक्तियों को द्वितीय डोज लगवाने में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, एएनएन एवं आशा को सहयोग करने के निर्देश प्रदान किए।

जिला परिषद् के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीनिधि बी.टी. ने कहा कि मातृ मृत्यु दर एवं शिशु की मृत्यु दर में कमी लाने में मातृ वंदना योजना सम्पूर्ण देश में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान घर-घर सर्वे एवं टीकाकरण में महिला एवं बाल विकास के महत्वपूर्ण योगदान को सराहा। उन्होंने सामाजिक कुरूतियों दहेजप्रथा, बाल विवाह आदि को दूर करने, गर्भवती धात्री महिलाओं, किशोरियों एवं बच्चों के पोषण एवं विकास के लिए सीडीपीओ, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की।

मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी उत्तरा मेहरा ने कहा कि महिलाओं एवं बच्चों के पोषण एवं विकास के लिए केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा चलाई जाने वाली कल्याणकारी योजनाओं का धरातल पर क्रियान्वयन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से होता है।

महिला एवं बाल विकास विभाग के उप निदेशक महेश चन्द गुप्ता ने बताया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को उनके पहले बच्चे पर स्वास्थ्य एवं पोषण हेतु तीन किश्तों में 5000 की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। उन्होंने बताया कि प्रथम किश्त के रूप में एक हजार रुपए की राशि एलएमपी की तिथि से 150 दिनों के अन्दर, वहीं 2 हजार रुपए की राशि गर्भावस्था के 6 महिने के अन्दर कम से कम एक प्रसव पूर्व जांच के बाद तथा 2 हजार रुपए तृतीय किश्त के रूप में बच्चे के जन्म के पंजीकरण एवं बच्चे को बीसीजी, ओपीवी एवं पेंटावेलेंट 1,2,3 या इसके समकक्ष टीके लगे होने पर प्रदान की जाती है। इसके लिए संबंधित आंगनबाड़ी केन्द्र पर गर्भवती महिला का रजिस्ट्रेशन होना आवश्यक है।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक गौरीशंकर मीना ने विभाग द्वारा संचालित नवजात बच्चों एवं फुटपाथ पर छोड़ दिए जाने वाले अज्ञात बालकों के पुनर्वास के संबंध में किए जा रहे कार्यों एवं गतिविधियों से अवगत कराया। डॉ. रवि वर्मा ने बताया कि मातृ वंदना योजना का उद्देश्य शिशु एवं मातृ मृत्यु दर में कमी लाना है।

उत्कृष्ट कार्य करने वालों का किया सम्मान

कार्यक्रम के दौरान उत्कृष्ट कार्य करने वाले सीडीपीओ कैलाश मीणा, प्रकाश चन्द सोनी, महिला पर्यवेक्षक प्रिती मालवीय, रेखा शर्मा, प्रेमबाई सोनी, इन्द्रा शर्मा, निर्मला राठौड़, साधना शर्मा, साबरा बेगम, सूरज बाई, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संतोष सुतार, कमलेश कुंवर, इन्द्रा मीना, सरिता मेराठा, तुलसी बाई लोधा, शहनाज बी, स्नेहलता शर्मा, सुषमा गुप्ता, अर्चना नागर, हेमलता लोधा, शकुन्तला कश्यप, उर्मिला कछावा, ज्योति जैन, अनिता शर्मा, सावित्री बैरवा, संजू गौतम को प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन अहमद हसन कुरैशी ने किया।



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