वसुंधरा राजे सीएम बनें तो गुजरात की साबरमती की तर्ज पर विकसित हो सकेगी चंद्रभागा
राज की बातें/जयन्त पोरवाल:
शहरवासियों की उम्मीद
झालरापाटन। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की पहल पर 2018 में चंद्रभागा नदी को गुजरात की साबरमती की तर्ज पर पांच करोड़ रुपए से विकसित किया जाना था। लेक़िन इसमें अभी तक 1 करोड़ रुपये का ही काम हुआ है। इसका मुख्य कारण बजट नहीं आना और काम की धीमी गति है। 2019 में कांग्रेस की सरकार बनते ही चंद्रभागा नदी के कार्य की गति धीमी होते होते बन्द हो गई। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने फिर से पूर्ण बहुमत हासिल किया है। लेक़िन केंद्र में कई दिनों से राजस्थान में सीएम के चहरे को लेकर खींचतान हो रही है। इस बार भी वसुंधरा राजे सिंधिया को राज मिलता है तो झालावाड़ फिर से विकास की इबारत लिख सकेगा। वसुंधरा की पहल पर चंद्रभागा नदी में अधूरे काम पूरे हो सकेंगे।
चंद्रभागा पर यह काम है अधूरे
चंद्रभागा नदी स्थल पर अभी 60 फीसदी काम अधूरा है। जिसमें हैंगिंग ब्रिज, एनीकट, छतरियां, बारहद्वारी, घाटों के निर्माण, पार्किंग, पाथ-वे, जनसुविधा आदि बनने थे लेक़िन यहां 6 छतरियां व दोनों और घाटों का ही निर्माण हो पाया है।
इसलिए हे चंद्रभागा नदी का महत्व
चंद्रभागा नदी में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर राजस्थान व मध्यप्रदेश से हजारों श्रद्धालु स्नान करने पहुंचते हैं। इसके अलावा यहां भव्य विशाल पशु मेले का आयोजन किया जाता है। इसमें जिला प्रशासन व पर्यटन विभाग की सहभागिता से तीन दिवसीय चंद्रभागा मेले का आयोजन किया जाता है। यहां बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक भी आते हैं।
कांग्रेस सरकार में इसका काम अधूरा रह गया था....जबकि मोक्षदायिनी चंद्रभागा नदी हाड़ौती में काफी महत्व रखती है
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