पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को श्रद्धासुमन अर्पित किए

राज की  बातें/जयन्त पोरवाल:

झालरापाटन। लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर संस्कार विद्या मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल में शास्त्रीजी का जन्मदिन मनाया गया। संस्था निदेशक अवनींद्र व्यास ने बताया कि 2 अक्टूबर 1904 को भारत में एक अनमोल रत्न पैदा हुआ, जिसने अपने कार्यों, निर्णय और दबंगता से दुनिया में अपना नाम सार्थक किया। वह भारत माता के लाल थे, अदम्य साहसी व बहादुर थे। 1965 का युद्ध यादगार युद्ध था जब भारत का एक छोटा से कद का प्रधानमंत्री लाहौर पाकिस्तान में सेना के विमान से जा उतरा। अमेरिका जैसे देश ने आंखें दिखाई और अनाज आपूर्ति करने में व्यवधान डाला तो लोगों से एक दिन व्रत रखकर अनाज बचाकर अमेरिका को मुंहतोड़ जवाब दिया। उनके ज्ञान और जनता से सीधे संपर्क का नतीजा था कि वह एक दिन भारत के सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्रीयो में शामिल हुए। प्रधानाचार्य सूरज प्रकाश शर्मा, चंद्रप्रकाश, बृजमोहन, हरिश शर्मा, हितेश प्रजापति ने भी लाल बहादुर शास्त्री के बचपन से लेकर प्रधानमंत्री बनने तक के अनेक प्रेरक प्रसंग सुना कर बताया कि कैसे गरीब परिवार में पैदा हुआ गरीबी से जीवन बसर करता हुआ पढ़ाई करके प्रधानमंत्री जितने बड़े पद पर पहुंचा लाल बहादुर शास्त्री का पूरा जीवन प्रेरणा से भरा हुआ था। इस अवसर पर हरिप्रकाश शर्मा ने देशभक्ति के गीत सुनाकर बच्चों को आल्हादित् किया। बच्चों ने पूरे जोश के साथ जय जवान जय किसान के नारे लगाए।

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