जब अवार्ड लेने असली सरपंच आई तो अवार्ड देने वाली जिला प्रमुख भी असली होना चाहिए
राज की बातें
बकानी। सोशल मीडिया पर एक मैसेज चल रहा जिसमें लिखा कि जिला स्वच्छता अवार्ड 2024 कार्यक्रम में "जब अवार्ड लेने असली सरपंच आई है। तो देने में भी असली जिला प्रमुख को आना चाहिए था।" कहने का मतलब रिश्तेदार कोई और उनकी जगह ना आकर खुद जिला प्रमुख कार्यक्रम में अवार्ड देने आती। आपको बता दे कि पंचायत समिति बकानी की ग्राम पंचायत बड़बड़ की सरपंच सुनीता शर्मा झालावाड़ में सम्मानित हुई जो खुद जाकर अवार्ड लेने गई अगर वो चाहती तो वो भी किसी रिश्तेदार को भेज सकती थी। राज्य के मुखिया भजनलाल शर्मा जो महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 50 फीसदी आरक्षण दे रहे है। वही झालावाड़ की तस्वीर विचलित करने वाली है। वही आपको बता दे कि जब इस बारे में कार्यक्रम में पहुंचे जिला प्रमुख प्रेम बाई दांगी के भाई जो जिले के आला अधिकारियों व विधायक गोविंद रानीपुरिया के साथ अवार्ड दे रहे उनसे जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि वो पूर्व उप जिला प्रमुख है।वही जिला प्रमुख प्रेम बाई दांगी के कार्यक्रम में नहीं पहुंचने का कारण बताया की वो हॉस्पिटल में एडमिट थी। हालांकि कार्यक्रम जिला परिषद में आयोजित हुआ था। इसकी जिम्मेदारी जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की बनती है।इतने बड़े कार्यक्रम में जो जिम्मेदार है। उसको ही अवार्ड देने के लिए आगे करते ना की उसके किसी रिश्तेदार या प्रतिनिधि को पूरा मामला जांच का विषय है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,राज्य के मुखिया मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा,पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया जो महिलाओं को हमेशा आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम करते आएं उनके स्वप्नों को साकार करते हुए जिला प्रमुख को भी हर कार्यक्रम में खुद मौजूद रहने का प्रयास करना चाहिए।
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