कायस्थ समाज ने कलम दवात पूजा कर भगवान चित्रगुप्त की आराधना की
राज की बातें/जयन्त पोरवाल:
झालरापाटन। कायस्थो के आराध्य देव व यमराज के सहायक और प्रधान लेखपाल चित्रगुप्त भगवान की पूजा दीपावली के तीसरे दिन भाईदूज के दिन की जाती है। इस दिन कलम - दवात की पूजा व्यापारी समुदाय व खास करके कायस्थ समाज इस दिन चित्रगुप्त भगवान की पूजा कर कलम-दवात, खाता-बही, नोटबुक और कागज की पूजा करता है। कारोबारियों के लिए इस दिन का विशेष महत्व होता है। इस दिन नई किताबों पर 'श्री' लिखकर काम की शुरुआत की जाती है। संपूर्ण आय-व्यय का हिसाब लिखकर भगवान को समर्पित किया जाता है। इसे 'कलम-दवात पूजा' कहते हैं। मान्यता है इससे व्यापार में तरक्की होती है। कलम-दवात पूजा के दिन भगवान चित्रगुप्त का स्मरण करने से कार्य में उन्नति, आकर्षक वाणी और बुद्धि में वृद्धि का वरदान प्राप्त होता है। कायस्थ समाज ने आज भी इस प्रथा को बरकरार रखा है। वही पूजा के बाद कायस्थ समाज के जिला अध्यक्ष डा. आर डी माथुर के निर्देशानुसार कायस्थ समाज के बंधुओ ने शाम को एकत्रित होकर चित्रगुप्त भगवान की कथा सुनी व छोटे छोटे बच्चो का संस्कृतिक कार्यक्रम कर सबको कलम भेट की। कार्यक्रम मे झालावाड़ - पाटन अध्यक्ष संजय साहय भटनागर, पूर्व महिला जिला अध्यक्ष प्रीति सक्सेना, वर्तमान महिला जिला अध्यक्ष श्वेता माथुर, डा. गजेंद्र श्रीवास्तव, आशीष मोहन भटनागर, मंगेश सक्सेना, मनीष माथुर, संजय सक्सेना, प्रेरक भटनागर, अरुण सक्सेना, दिलीप निगम, विवेक सक्सेना, राकेश निगम, प्रमोद सक्सेना, देवकीनंदन भटनागर, अशोक सक्सेना, स्वप्निल भटनागर, विक्की सक्सेना सहित कई समाज बंदू मौजूद थे, ये जानकारी कायस्थ समाज के युवा प्रदेश उपाध्यक्ष अंतरिक्ष माथुर ने दी।
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