कार्यस्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा को लेकरराज्य सरकार ने उठाया महत्वपूर्ण कदम

राज की बातें/जयन्त पोरवाल:

झालावाड़। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की मंशानुसार महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को सर्वाेच्च प्राथमिकता देते हुए राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। जिले के सभी सरकारी कार्यालयों, सार्वजनिक उपक्रमों और संस्थानों में कार्यस्थल पर महिलाओं से लैंगिक उत्पीड़न संबंधी शिकायतों के निवारण के लिए आंतरिक शिकायत समिति के गठन के निर्देश जारी किए गए हैं। जिला कलक्टर अजय सिंह राठौड़ ने सभी विभागाध्यक्षों को अपने-अपने कार्यालयों में आंतरिक शिकायत समिति गठित करने के निर्देश दिए हैं। जिन कार्यालयों में 10 या अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं, उन्हें पांच दिन के भीतर समिति का गठन अनिवार्य रूप से करना होगा। इस संबंध में रिपोर्ट संबंधित विभाग को सौंपनी होगी।
उल्लंघन पर लगेगा दंड
महिला अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक शैलेष कुमार ने बताया कि यदि कोई कार्यालय इस नियम का पालन नहीं करता है, तो अधिनियम की धारा 26 (1) (ए) के तहत अधिकतम 50,000 रुपए तक का दंड लगाया जा सकता है। साथ ही, यदि किसी कार्यालय की आंतरिक शिकायत समिति तीन वर्ष या अधिक पुरानी हो चुकी है, तो उसे अधिनियम के अनुसार पुनर्गठित किया जाएगा। संबंधित एसडीएम को अपने क्षेत्र में समितियों के गठन व उनकी मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए शहरी क्षेत्रों में तहसीलदार को तथा ग्रामीण क्षेत्रों में विकास अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
सभी कार्यालयों को समिति गठित कर निर्धारित प्रपत्र में सूचना भरकर विभाग के ई-मेल पर भेजनी होगी। यदि समिति में कोई पदाधिकारी स्थानांतरित होता है, तो उसकी जगह नया सदस्य मनोनीत किया जाएगा। राज्य सरकार के इस फैसले से महिलाओं को कार्यस्थल पर सुरक्षित वातावरण मिलेगा और लैंगिक उत्पीड़न की शिकायतों का समय पर निवारण सुनिश्चित होगा।

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