चंद्रभागा नदी की दुर्दशा, जलीय जीवों पर भी संकट
राज की बातें/जयन्त पोरवाल:
झालरापाटन। मोक्षदायिनी चंद्रभागा नदी के अस्तित्व को लेकर कई बार समाचार पत्र के माध्यम से प्रशासन की नींद खोलने का प्रयास किया जा चुका है। जन जन की आस्था से जुड़ी हाडोती की गंगा मोक्षदायिनी चंद्रभागा नदी का पानी प्रदूषित हो जाने के कारण दम घुटने से हजारों मछलियां मर रही है और प्रदूषित पानी के बदबू मारने के कारण आसपास के क्षेत्र में संडाध उत्पन्न होने से अब इसमें नियमित स्नान के लिए लोगों ने आना बंद कर दिया है। चंद्रभागा नदी में हर तरफ जलकुंभी ने अपना जाल फैला लिया है। इसके साथ ही आसपास की दो दर्जन कॉलोनियों के गंदे नाले और संकट मोचन हनुमान मंदिर के सामने स्थित महालक्ष्मीपुरम कॉलोनी के सीवरेज का नाला भी इस नदी में छोड़ दिए जाने से इसका स्वच्छ जल प्रदूषित हो गया है। जिससे गर्मी पड़ने के साथ ही इसका पानी सड़ांध मारने लगा है। प्रदूषण बढ़ने के कारण पानी में ऑक्सीजन की कमी आ जाने से पिछले एक पखवाडे से मछलियो का सांस लेना तक मुश्किल होता जा रहा है जिससे इन्हें ऑक्सीजन लेने के लिए बार-बार अपना मुंह पानी से बाहर निकाल कर ऑक्सीजन ग्रहण करना पड़ रही है, लेकिन अब पानी में मछलियों की सहनशक्ति से अधिक प्रदूषण बढ़ जाने के कारण शुक्रवार को नदी में हजारों मछलियों ने अपना दम तोड़ दिया। सूचना मिलने पर स्वास्थ्य निरीक्षक सुनील प्रजापति के निर्देश पर जमादार सीताराम के नेतृत्व में सफाई कर्मचारी सुरेश, अंकित के साथ अन्य सफाई कर्मचारियों ने नदी में से मरी हुई सैकड़ो मछलियों को बाहर निकाल कर इनका निस्तारण कराया। यह विडंबना है कि जिस नदी ने सैकड़ो वर्षों से हमें गले लगा रखा है, जो मोक्षदायिनी है वही सदानीरा नदी अपना अस्तित्व खोने के कगार पर आ गई है। ऐसी स्थिति में इस पवित्र नदी को बचाने के लिए सरकार के साथ ही निजी प्रयासों की भूमिका की आवश्यकता है। सरकार और जिला प्रशासन दावे करते नहीं थकते हैं कि वह मोक्षदायिनी को प्रदूषण मुक्त बनाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन इसकी बदहाली जीती जागती मिसाल है।
होना यह चाहिए
मोक्षदायिनी चंद्रभागा नदी में जनभागीदारी से अभियान चलाकर जलकुंभी हटाई जाए और इसका स्थाई समाधान किया जाए।
नदी में फव्वारों का संचालन नियमित रूप से हो।
गंदे पानी के नाले और सीवरेज लाइन के पानी को डाला जाना तुरंत प्रभाव से रोका जाए।
खाद्य सामग्री डालने और बेचने वालों पर लगे रोक इसके साथ ही फूल माला, मूर्ति विसर्जन, राख डालने, श्रद्धा के नाम पर अन्य सामग्री डालने पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाई जाए।
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