महिला सशक्तिकरण पर जागरूकता शिविर आयोजित

राज की बातें/जयन्त पोरवाल:

झालावाड़ । राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर के निर्देशानुसार एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष अतुल कुमार सक्सेना (जिला एवं सेशन न्यायाधीश) एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव लोकेश कुमार शर्मा के मार्गदर्शन में राड़ी के बालाजी रोड़ झालावाड़ पर महिला सशक्तीकरण विषय पर जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।

जागरुकता कार्यक्रम में पैनल अधिवक्ता रेखा मेहर ने कहा कि महिला सशक्तीकरण मुख्य रूप से महिलाओं को स्वतंत्र बनाने की प्रथा को संदर्भित करता है ताकि वे स्वयं निर्णय ले सकें और साथ ही बिना किसी पारिवारिक या सामाजिक प्रतिबंध के अपने जीवन को संभाल सकें। सरल शब्दों में, यह महिलाओं को अपने स्वयं के व्यक्तिगत विकास की जिम्मेदारी लेने का अधिकार देता है।

अपनी संस्कृति और विरासत के लिए विश्व स्तर पर प्रसिद्ध भारत विविध संस्कृतियों से भरा देश है। लेकिन भारतीय समाज हमेशा से पितृसत्तात्मक रहा है, यही वजह है कि महिलाओं को शिक्षा और समानता जैसे बुनियादी मानवाधिकारों से लगातार वंचित किया जाता रहा है। उन्हें हमेशा से दबा दिया गया है और घरेलूता तक सीमित कर दिया गया है और बुनियादी शिक्षा प्राप्त करने से रोक दिया गया है। लैंगिक समानता की धारणा पुरुषों और महिलाओं के बीच समानता की मांग करती है लेकिन महिलाओं को उनके अधिकारों से बेखबर रखा गया है।

भारत जैसे देश के लिए महिला सशक्तिकरण इसकी वृद्धि और विकास में एक बड़ी भूमिका होगी। जैविक और नैतिक दोनों संदर्भों में, महिलाओं के पास एक परिवार के साथ-साथ पूरे समाज के भविष्य और विकास को आकार देने की अधिक क्षमता होती है। इस प्रकार प्रत्येक महिला को एक व्यक्ति के रूप में पूरी तरह से विकसित होने और अपनी पसंद बनाने में मदद करने के लिए समान अवसर दिए जाने चाहिए।

पैनल अधिवक्ता ने जागरुकता कार्यक्रम में निःषुल्क विधिक सहायता, कोविड-19 टीकाकरण एवं पीड़ित प्रतिकर स्कीम के बारे में भी जानकारी दी।



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