तंबाकू मुक्त भारत (वर्ल्ड टोबैको डे, 31 मई)

राज की बातें

 
31 मई हर साल वर्ल्ड टोबैको डे के रूप में मनाया जाता है। इसको मानने का खास मकसद है नशा मुक्त भारत।भारत में हर साल कई लोगो की मौत केवल और केवल नशे के कारण जन्मी बीमारियों जैसे कैंसर,ह्रदय रोग, क्षय रोग आदि से होती है। सबसे ज्यादा मौत का कारण कैंसर होता है।टोबैको से मुंह का कैंसर आम होता है और जिसका की ईलाज संभव नहीं है और अल्टीमेटली पेशेंट की डेथ हो जाती है।

भारत मै हर साल कई लोग टोबैको च्यूइंग के कारण होने वाले कैंसर से होती है।भारत सरकार की तरफ से कई अवॉर्नेस प्रोग्राम चलाए जाते है ताकि ज्यादा से ज्यादा जागरूकता फेले और हमारा भारत भी टोबैको फ्री हो सके।आज की यंग जेनरेशन जो की आधुनिकता के चलते नशे का उपयोग करती है वो असल में बीमारियों को न्योता दे रही है।इस वर्ग को अवेयर करना बहुत जरूरी है।उन्हें नशे और टोबैको से होने वाले हार्मफुल इफेक्ट के बारे मैं बताना जरूरी है।क्योंकि यही हमारे भारत का फ्यूचर है।फैशन के चलते यह एक स्टेटस हो गया है।यह कब एक आदत और फिर जरूरत बन जाता है पता नहीं चलता।दुनिया भर में सालाना 54लाख लोग तंबाकू की वजह से जान गंवाते है और इसको कंट्रोल न किया जाएं तो 2030 तक ये आंकड़ा 1करोड़ तक भी जा सकता है।तंबाकू के सेवन से हार्ट डिजीज एवम टीबी का खतरा 3परसेंट तक बड़ जाता है।इसकी वजह से एजिंग इफेक्ट भी बहुत जल्दी नजर आता है।तंबाकू का किसी भी तरह से सेवन किया जाता है।चाहे वह सिगरेट , खेनी,गुटखा हर तरह से ये खतरनाक है।स्ट्रोक और लंग कैंसर का भी खतरा तंबाकू से बढ़ता है।सबसे ज्यादा डेथ यंग एज में तंबाकू से होती है। बहुत सी होमियोपैथिक दवाएं उपलब्ध है जो तंबाकू की लत से छुटकारा दिला सकती है। मगर साथ मै आपका विल पावर स्ट्रॉन्ग होना चाहिए। आपके एफर्ट्स ही आपको तंबाकू से छुटकारा दिलाने में और जानलेवा बीमारियों से बचा सकते है।क्यों न हम अपनी हेल्थ को प्रायोरिटी मैं रखे और तंबाकू से बचे।




डॉक्टर रुचि गुप्ता जैसवाल

होमियोपैथिक चिकित्सक

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

पिडावा उपखंड क्षेत्र के स्कूल में सूर्यास्त के बाद तक भी नहीं उतारा तिरंगा, जिम्मेदारों ने कहा कार्रवाई करेंगे

शिक्षिका पर बच्ची के साथ बेरहमी से मारपीट का आरोप, परिजनों ने थाने में की शिकायत

प्रिंसिपल पर पार्टी विशेष के प्रतिनिधि बनकर काम करने का कांग्रेसियों ने लगाया आरोप