शिक्षा और खेल के समन्वय से बच्चो का सर्वांगीण विकास
राज की बातें / जयन्त पोरवाल :
झालरापाटन। झालरापाटन के वार्ड 8 के पार्षद मोहम्मद कासिम भट्टी ने आंगनबाड़ी में आ रही बच्चो के पोषण से सम्बंधित समस्याओं के बारे में चिंता जाहिर करते हुए कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर 3 से 6 वर्ष के बच्चे शाला पूर्व शिक्षा ग्रहण करने के लिए आते हैं, जिसमें शिक्षा के साथ-साथ उनके सर्वांगीण विकास पर भी ध्यान दिया जाता है तथा शिक्षा और खेल का समन्वय बनाया जाता है। शारीरिक विकास हेतु कई प्रकार के खेल क्रियाएं करवाई जाती है। कोरोना काल के पूर्व शाला पूर्व शिक्षा के लिए आने वाले बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों पर गरम पोषाहार दिया जाता था जिसमें दलिया खिचड़ी सम्मिलित था परंतु कोरोना काल के समय से ही बच्चों को आंगनबाड़ी पर मिलने वाला गर्म पोषाहार बंद कर दिया गया था तथा इसकी जगह दाल, गेहूं , चावल जैसा सूखा पोषाहार घर पर ले जाने के लिए दिया जाने लगा । परन्तु अब पुनः आंगनबाड़ी केंद्रों पर शाला पूर्व शिक्षा प्रारंभ कर दी गई है। परंतु बच्चों के लिए आंगनबाड़ी केंद्र पर गर्म खाने और नाश्ते की किसी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं है जबकि आंगनबाड़ी का उद्देश्य शाला पूर्व शिक्षा बच्चों के विकास के साथ-साथ पोषण का ध्यान रखना भी है ऐसी स्थिति में बच्चों को अधिक समय तक आंगनवाड़ी केंद्र पर रोके रखना मुश्किल होता है तथा पोषण की स्थिति में सुधार वाला कार्य भी साकार होता प्रतीत नहीं हो रहा है इस पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है।
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