जिले में जैविक उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए बेहतरीन माहौल तैयार करें - जिला कलक्टर
राज की बातें / जयन्त पोरवाल :
झालावाड़। स्थानीय जैविक उत्पादों को स्थानीय बाजार तक पहुंचाने के लिए जिला कलक्टर डॉ. भारती दीक्षित द्वारा किए गए नवाचार ’’ऑर्गेनिक फार्मर मार्केट कनेक्ट‘‘ कार्यक्रम शुक्रवार को मिनी सचिवालय के सभागार में आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में जिला कलक्टर ने कृषकों एवं व्यापारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि खाद्य पदार्थों मे रासायनिक स्तर का अत्याधिक बढ़ जाना आने वाली पीढ़ी के लिए चिंताजनक विषय है जिससे निपटने के लिए जैविक खेती अत्यावश्यक है।
उन्होंने कहा कि ’ऑर्गेनिक फार्मर मार्केट कनेक्ट’ कार्यक्रम का उद्देश्य झालावाड़ जिले में जैविक खेती करने वाले किसानों को जिले के ही खुदरा एवं थोक व्यापारियों से सीधे जोड़ना है ताकि किसानों को उनके उत्पादों की बिक्री के लिए स्थानीय मंच मिल सके और व्यापारी एवं किसानों की आय में वृद्धि हो सके। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से जैविक उत्पादों की मात्रा को बढ़ाने एवं स्थानीय जैविक मार्केट को नए गंतव्यों तक विस्तारित करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिले में जैविक उत्पादों का बेहतरीन माहौल तैयार करें जिससे जिले के जैविक किसान मांग को देखते हुए उत्पादन में वृद्धि करें।
जिला कलक्टर ने मण्डी सचिव को निर्देश देते हुए कहा कि मण्डी में जैविक उत्पादों के क्रय-विक्रय के लिए प्रत्येक माह में एक दिन निर्धारित किया जाए। उन्होंने सभी जैविक किसानों से कहा कि राजस्थान राज्य जैविक प्रमाणीकरण एजेंसी (रोका) में रजिस्ट्रेशन करवाएं ताकि उन्हें राज्य एवं जिले के बाहर के व्यापारियों पर निर्भर ना रहना पड़े और उचित मुनाफा कमा सके। इससे जिले के व्यापारियों को भी रजिस्टर्ड और प्रमाणित कृषकों से उत्पाद लेने का फायदा मिल सकेगा।
जिला कलक्टर ने बताया कि कृषकों और व्यापारियों में जैविक कृषि बाजार को लेकर आपसी संवाद का अवसर ना प्राप्त होने की वजह से जिले की जैविक फसल के समय पर बेचान और उचित मूल्य की प्राप्ति में समस्या आ रही है, जिसके निस्तारण स्वरूप जैविक कॉल सेंटर और हेल्पडेस्क स्थापित करने की पहल की जाएगी। यह हेल्पडेस्क जिला स्तर पर स्थापित की जाएगी जिसके माध्यम से तीनों हितधारी यानि कृषक, व्यापारी एवं जिले के जागरूक उपभोक्ता जिले में उपलब्ध जैविक खाद्यान्न, मसाले, दलहन आदि के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे तथा आपस में जुड़ सकेंगे।
इस पहल के अंतर्गत जिला कृषि विभाग कार्यालय तथा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर ऑर्गेनिक फार्मिंग के तत्वावधान में भविष्य में प्रत्येक रबी और खरीफ फसल कटाई माह में ऐसी ही जैविक कृषक एवं व्यापारियों की बैठक आयोजित की जाएगी ताकि भविष्य में भी यह आपसी संवाद बना रहे। साथ ही उन्होंने बताया कि किसानों एवं व्यापारियों को जैविक बाजार की प्रमाणिकता प्राप्त करने हेतु राज्य जैविक प्रमाणीकरण एजेंसी के माध्यम से जागरूक भी किया जाएगा, ताकि जैविक उत्पाद गुणवत्ता में जिले की साख राष्ट्रभर में स्थापित हो सके।
कार्यक्रम में उपखण्ड अधिकारी पिड़ावा अभिषेक चारण ने प्रत्येक उपभोक्ता को उत्पाद की जैविक प्रमाणिकता की पुष्टि करने के लिए संबंधित उत्पाद पर एफएसएसएआई, जैविक भारत एवं पीजीएस ऑर्गेनिक इंडिया, एनपीओपी, टीएफएल मार्का आदि के बारे में जानकारी दी। उद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय के पूर्व अधिष्ठाता मधुसुदन आचार्य एवं सेन्ट्रल ऑफ एक्सीलेंसी के उप निदेशक पी.सी. शर्मा ने कार्यक्रम में जैविक खेती की विस्तृत जानकारी दी।
कार्यक्रम में कृषि विभाग के उप निदेशक सत्येन्द्र पाठक, कृषि उपज मण्डी सचिव हरिमोहन बैरवा, झालावाड़ व्यापार संघ अध्यक्ष संजय जैन, झालरापाटन व्यापार संघ अध्यक्ष यशोवर्धन बाकलीवाल, सचिव जयंत पोरवाल, सहसचिव नरेश सेठी, कार्यकारिणी रमेश पाटीदार, किरण व्यापार संघ से राकेश जैन, खाद्य एवं तिलहन व्यापर संघ से विजय मूंदड़ा सहित अन्य व्यापारी एवं जिले के विभिन्न जैविक किसान उपस्थित रहे।
झालावाड़। स्थानीय जैविक उत्पादों को स्थानीय बाजार तक पहुंचाने के लिए जिला कलक्टर डॉ. भारती दीक्षित द्वारा किए गए नवाचार ’’ऑर्गेनिक फार्मर मार्केट कनेक्ट‘‘ कार्यक्रम शुक्रवार को मिनी सचिवालय के सभागार में आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में जिला कलक्टर ने कृषकों एवं व्यापारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि खाद्य पदार्थों मे रासायनिक स्तर का अत्याधिक बढ़ जाना आने वाली पीढ़ी के लिए चिंताजनक विषय है जिससे निपटने के लिए जैविक खेती अत्यावश्यक है।
उन्होंने कहा कि ’ऑर्गेनिक फार्मर मार्केट कनेक्ट’ कार्यक्रम का उद्देश्य झालावाड़ जिले में जैविक खेती करने वाले किसानों को जिले के ही खुदरा एवं थोक व्यापारियों से सीधे जोड़ना है ताकि किसानों को उनके उत्पादों की बिक्री के लिए स्थानीय मंच मिल सके और व्यापारी एवं किसानों की आय में वृद्धि हो सके। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से जैविक उत्पादों की मात्रा को बढ़ाने एवं स्थानीय जैविक मार्केट को नए गंतव्यों तक विस्तारित करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिले में जैविक उत्पादों का बेहतरीन माहौल तैयार करें जिससे जिले के जैविक किसान मांग को देखते हुए उत्पादन में वृद्धि करें।
जिला कलक्टर ने मण्डी सचिव को निर्देश देते हुए कहा कि मण्डी में जैविक उत्पादों के क्रय-विक्रय के लिए प्रत्येक माह में एक दिन निर्धारित किया जाए। उन्होंने सभी जैविक किसानों से कहा कि राजस्थान राज्य जैविक प्रमाणीकरण एजेंसी (रोका) में रजिस्ट्रेशन करवाएं ताकि उन्हें राज्य एवं जिले के बाहर के व्यापारियों पर निर्भर ना रहना पड़े और उचित मुनाफा कमा सके। इससे जिले के व्यापारियों को भी रजिस्टर्ड और प्रमाणित कृषकों से उत्पाद लेने का फायदा मिल सकेगा।
जिला कलक्टर ने बताया कि कृषकों और व्यापारियों में जैविक कृषि बाजार को लेकर आपसी संवाद का अवसर ना प्राप्त होने की वजह से जिले की जैविक फसल के समय पर बेचान और उचित मूल्य की प्राप्ति में समस्या आ रही है, जिसके निस्तारण स्वरूप जैविक कॉल सेंटर और हेल्पडेस्क स्थापित करने की पहल की जाएगी। यह हेल्पडेस्क जिला स्तर पर स्थापित की जाएगी जिसके माध्यम से तीनों हितधारी यानि कृषक, व्यापारी एवं जिले के जागरूक उपभोक्ता जिले में उपलब्ध जैविक खाद्यान्न, मसाले, दलहन आदि के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे तथा आपस में जुड़ सकेंगे।
इस पहल के अंतर्गत जिला कृषि विभाग कार्यालय तथा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर ऑर्गेनिक फार्मिंग के तत्वावधान में भविष्य में प्रत्येक रबी और खरीफ फसल कटाई माह में ऐसी ही जैविक कृषक एवं व्यापारियों की बैठक आयोजित की जाएगी ताकि भविष्य में भी यह आपसी संवाद बना रहे। साथ ही उन्होंने बताया कि किसानों एवं व्यापारियों को जैविक बाजार की प्रमाणिकता प्राप्त करने हेतु राज्य जैविक प्रमाणीकरण एजेंसी के माध्यम से जागरूक भी किया जाएगा, ताकि जैविक उत्पाद गुणवत्ता में जिले की साख राष्ट्रभर में स्थापित हो सके।
कार्यक्रम में उपखण्ड अधिकारी पिड़ावा अभिषेक चारण ने प्रत्येक उपभोक्ता को उत्पाद की जैविक प्रमाणिकता की पुष्टि करने के लिए संबंधित उत्पाद पर एफएसएसएआई, जैविक भारत एवं पीजीएस ऑर्गेनिक इंडिया, एनपीओपी, टीएफएल मार्का आदि के बारे में जानकारी दी। उद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय के पूर्व अधिष्ठाता मधुसुदन आचार्य एवं सेन्ट्रल ऑफ एक्सीलेंसी के उप निदेशक पी.सी. शर्मा ने कार्यक्रम में जैविक खेती की विस्तृत जानकारी दी।
कार्यक्रम में कृषि विभाग के उप निदेशक सत्येन्द्र पाठक, कृषि उपज मण्डी सचिव हरिमोहन बैरवा, झालावाड़ व्यापार संघ अध्यक्ष संजय जैन, झालरापाटन व्यापार संघ अध्यक्ष यशोवर्धन बाकलीवाल, सचिव जयंत पोरवाल, सहसचिव नरेश सेठी, कार्यकारिणी रमेश पाटीदार, किरण व्यापार संघ से राकेश जैन, खाद्य एवं तिलहन व्यापर संघ से विजय मूंदड़ा सहित अन्य व्यापारी एवं जिले के विभिन्न जैविक किसान उपस्थित रहे।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें